अपनी कुटिया के सामने स्थित इस छोटी-सी गुफा को बाबा ने "अद्वैतम" नाम दिया था। यहाँ वे ब्रह्म-मुहूर्त में ध्यान लगाया करते थे।
विन्दुवासिनी मंदिर, बरहरवा (जिला- साहेबगंज, झारखण्ड) के कुछ छायाचित्र तथा उसके इतिहास आदि के बारे में संक्षिप्त जानकारियाँ और "पहाड़ी बाबा" के कुछ रोचक प्रसंग...
रविवार, 28 जून 2009
शुक्रवार, 12 जून 2009
"एक चिन्ह"
"समाधी स्थल"
शनिवार, 6 जून 2009
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