शुक्रवार, 12 जून 2009

"एक चिन्ह"


जिस प्रकार अद्वैतम गुफा के प्रवेशद्वार पर 'शंख-कमल' और दीक्षा कुटीर के प्रवेशद्वार पर 'त्रिनेत्र' बने हैं, उसी प्रकार बाबा की कुटिया की चहारदीवारी पर यह चिन्ह बना है। कभी यहाँ खुशबूदार "कटहली चंपा" के फूल खिला करते थे।

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