विन्दुवासिनी मंदिर, बरहरवा (जिला- साहेबगंज, झारखण्ड) के कुछ छायाचित्र तथा उसके इतिहास आदि के बारे में संक्षिप्त जानकारियाँ और "पहाड़ी बाबा" के कुछ रोचक प्रसंग...
कहते हैं कि जब हनुमानजी हिमालय से पर्वत लेकर आकाश मार्ग से लंका जा रहे थे, तब इस पर्वत चोटी की एक शिला पर उन्होंने अपना एक पैर रखा था। शिला पर पैर के आकार का गड्ढा था। लापरवाही के कारण उस पैर के आकार का निशान अब बिगड़ गया है।
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