महावातर बाबा (त्र्यम्बक बाबा या बाबाजी महाराज) अजर हैं, अमर हैं। हिमालय में कभी-कभार वे देखे जाते हैं। उन्होंने आदि शंकर और कबीर को भी दीक्षा दी है। आज भी पुकारने पर किसी-न-किसी रूप में वे सामने आते हैं। उन्होंने आधुनिक समय के हिसाब से लोगों की आध्यात्मिक उन्नति के लिए उन्हें दीक्षा देने के लिए लाहिड़ी महाशय को चुना था। लाहिड़ी महाशय पिछले जन्म में उनके शिष्य थे।
विन्दुवासिनी मंदिर, बरहरवा (जिला- साहेबगंज, झारखण्ड) के कुछ छायाचित्र तथा उसके इतिहास आदि के बारे में संक्षिप्त जानकारियाँ और "पहाड़ी बाबा" के कुछ रोचक प्रसंग...
रविवार, 19 जुलाई 2009
"महावातर बाबा"
महावातर बाबा (त्र्यम्बक बाबा या बाबाजी महाराज) अजर हैं, अमर हैं। हिमालय में कभी-कभार वे देखे जाते हैं। उन्होंने आदि शंकर और कबीर को भी दीक्षा दी है। आज भी पुकारने पर किसी-न-किसी रूप में वे सामने आते हैं। उन्होंने आधुनिक समय के हिसाब से लोगों की आध्यात्मिक उन्नति के लिए उन्हें दीक्षा देने के लिए लाहिड़ी महाशय को चुना था। लाहिड़ी महाशय पिछले जन्म में उनके शिष्य थे।
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jai ho Babaji maharaj ki...
जवाब देंहटाएंतेज धूप का सफ़र
आप की रचना प्रशंसा के योग्य है . आशा है आप अपने विचारो से हिंदी जगत को बहुत आगे ले जायंगे
जवाब देंहटाएंलिखते रहिये
चिटठा जगत मे आप का स्वागत है
गार्गी
maha avtar baba ke bare me aap hme kuchh jarur bataye aapki ati krpa hogi
जवाब देंहटाएं"योगी कथामृत" पुस्तक ऑनलाईन मँगवाने के लिए- http://www.flipkart.com/yogi-katha-amrit-2000000035/p/itmdynfxmxjyeqz4?pid=9782000000035&_l=A0vO9n9FWsBsMJKAKw47rw--&_r=240dTe3TkOpAxnlviUoSQg--&ref=9bab8fb5-6c7d-447f-980a-820c7586f386
हटाएंराधेश्याम जी,
जवाब देंहटाएंमहावतार बाबा के प्रमुख शिष्य थे- लाहिड़ी महाशय, लाहिड़ी महाशय के प्रमुख शिष्य थे- युक्तेश्वर गिरी, युक्तेश्वर गिरी के प्रमुख शिष्य थे- परमहँस योगानन्द. परमहँस योगानन्द की पुस्तक है- "योगी कथामृत" (अँग्रेजी में- Autobiography of a Yogi). यह एक विश्वप्रसिद्ध पुस्तक है. आपने किसी बड़े रेलवे स्टेशन के किसी बुक स्टॉल में इसे अवश्य देखा होगा. कृपया इसे प्राप्त करें. इसमें महावतार बाबा तथा लाहिड़ी महाशय के बारे में विस्तृत जानकारी है. उस पुस्तक से मैं कुछ उद्धृत नहीं कर सकता. (कॉपीराईट है योगदा सत्संग सोसायटी का.) हाँ, पुस्तक के आवरण का चित्र आप मेरे इस ब्लॉग पोस्ट पर देख सकते हैं- http://jaydeepshekhar.blogspot.in/2011/11/blog-post_26.html
युक्तेश्वर गिरी के एक और प्रमुख शिष्य थे- सत्यानन्द गिरी और सत्यानन्द गिरी के शिष्य हरिहरानन्द गिरी उर्फ "पहाड़ी बाबा" हमारे बरहरवा के विन्दुधाम में रहे थे.
ईति.
सर,पुराण पुरूष श्री श्यामाचरण लाहिड़ी नामक पुसतक में भी बाबाजी का प्रसंग है
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