शुक्रवार, 12 जून 2009

"कैफेटेरिया"

सरकारी पैसों से बना चालू होने की बाट जोहता कैफेटेरिया। वैसे चिंता न करें- 'माणिक दादा का नाश्ता दूकान' इस पहाड़ी पर कोई तीस वर्षों से यात्रियों को रिफ्रेशमेंट प्रदान कर रहा है।



माणिक दा की चाय-नाश्ते की दूकान.  (पहाड़ी के पीछे उनका भोजनालय भी है.) 

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