रविवार, 28 जून 2009

"अद्वैतम"


अपनी कुटिया के सामने स्थित इस छोटी-सी गुफा को बाबा ने "अद्वैतम" नाम दिया था। यहाँ वे ब्रह्म-मुहूर्त में ध्यान लगाया करते थे।

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