बंगाल के मेदिनीपुर जिले में स्थित झाड़ग्राम आश्रम में रहते हुए बाबा ने बाढ़-पीडितों के लिए ऐसा राहत कार्य चलाया था की नेहरूजी भी उनसे मिलने आये थे। बरहरवा में भी सुखाड़ और महामारी (१९६७) तथा बाढ़ (१९७१) में उन्होंने राहत कार्य चलाया था। तब से अब तक बरहरवा में कोई आपदा या विपत्ति नहीं आई है।
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