द्वितीय प्रवेश द्वार की दाहिनी ओर स्थित इस आम के पेड़ को "कल्प वृक्ष" की मान्यता प्राप्त है। लोग 'मनौती' मांगने के साथ एक पत्थर इस पेड़ से बाँध देते हैं, और मनौती पुरी होने पर फिर एक बार यहाँ आकर एक पत्थर खोल देते हैं।
पीछे जो मन्दिर दिख रहा है, उसमें हनुमान जी 'द्वारपाल' के रूप में विराजमान हैं।
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