रविवार, 19 जुलाई 2009

"सूर्यास्त"


इस चोटी से वैसे तो सूर्योदय और सूर्यास्त- दोनों का आनंद लिया जा सकता है, मगर सूर्यास्त का दृश्य ख़ास होता है। 'राजमहल की पहाड़ियों' के पीछे छुपते सूर्यदेव।

(इस ब्लॉग के सभी फोटो बरहरवा वासी श्री चंद्रशेखर (न्यू रुपश्री स्टूडियो, विन्दुधाम पथ) द्वारा खींचे गए हैं- सिर्फ़ इस सूर्यास्त वाले फोटो को छोड़कर। उनके डिजीटल कैमरे से इसे मैंने स्वयं खींचा था।)

(इस ब्लॉग को जुलाई' 09 में प्रकाशित किया था. एक साल बाद जुलाई' 10 में मोबाईल के कैमरे से खींचकर मैंने कुछ और फोटो इसमें जोड़े हैं.) 

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