रविवार, 19 जुलाई 2009

"लाहिड़ी महाशय"

पहाड़ी बाबा के गुरु (सत्यानन्द गिरी) के गुरु (स्वामी युक्तेश्वर गिरी) के गुरु थे श्री श्री लाहिड़ी महाशय। आप बनारस में रहते थे। आपको "क्रियायोग" के प्रवर्तक के रूप में देखा जाता है। आपकी शिक्षा थी कि आध्यात्मिक उन्नति के लिए 'गृहस्थ' जीवन त्यागने की जरुरत नही है। वास्तव में यही शिक्षा देने के लिए 'महावातार बाबा' ने आपको चुना था।
आप पिछले जन्म में भी महावातार बाबा के शिष्य थे। रेलवे में नौकरी के दौरान जब आप रानीखेत में तैनात थे, तब महावातार बाबा स्वयं आपको बुलाकर एक गुफा में ले गए थे। उन्होंने आपको आपके पिछले जन्म के कमण्डल, आसन आदि दिखलाये। जब उन्होंने आपके मस्तक को छुआ, तो आपको सब याद आ गया।

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